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लेखनी प्रतियोगिता -22-Oct-2022


आंखें उठा हिम्मत जुटा
चल इस कथा को मोड़ दे
या तो लड़ाई जीत ले
या फिर लड़ाई छोड़ दे।

ये जगत वीरों से कभी
खाली नहीं था
वो फुल भी खिल गए
जिनका माली नहीं था।

अब तलक की गलतियों
को ठीक कर दे
खींच कर ये आसमां
नजदीक कर दे।

मेहनत तू कर ऐसे
कि जग को याद आये
सफल लोगों का नाम
तेरे बाद आये।

क्या करेगा इस देह 
को यूं पाल कर
इस डर भरे जीवन
को यूं संभालकर।

इतिहास सबको छुप के
हरदम देखता है
जो है जिस काबिल
वहीं उसे फेंकता है।

यूं जन्म लेना मरना
तो सबने किया है
पर याद वो रहता है
जिसने ढंग से जिया है।

तू शेर बन जा और
एक दहाड़ कर दे
दो हाथ हैं तो विश्व
के दो फाड़ कर दे।

क्या भूख और क्या प्यास
क्या दुश्मन से डरना
एक वीर तो बस जानता
है युद्ध करना।


इस ढंग से जी कि
जब तू इस दुनिया से जाए
व्यक्तित्व तेरा एक
किवंदती कहलाये।

दैनिक प्रतियोगिता हेत

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12 Comments

Muskan khan

23-Oct-2022 07:09 PM

Well done ✅

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Anshumandwivedi426

23-Oct-2022 10:35 PM

Thanks alot

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Suryansh

23-Oct-2022 09:09 AM

बेहतरीन प्रेरित करती हुई कविता

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Anshumandwivedi426

23-Oct-2022 11:21 AM

जी हृदयतल से धन्यवाद

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Punam verma

23-Oct-2022 08:54 AM

Nice

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Anshumandwivedi426

23-Oct-2022 11:21 AM

Thanks

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